वे ज़िंद-जाँ वार दित्ती, तूँ समझेआ ना
किस थाँ जाँवा, मेरे लई ते हुण वा कोई ना
रावी पार जाण वालियाँ धीयाँ
निक्खड़ियाँ मापेयाँ तों
अम्बरा ने बाँ ना फड़ी
तलियाँ थल्ले थाँ कोई ना
राँझे मुक्क गये दुनिया तों
हीराँ दी क़िस्मत माड़ी
बदनाम होया ऐ वी रिश्ता
प्रीत निगोड़ी दा नाँ कोई ना
वे ज़िन्द-जाँ वार दित्ती, तूँ मुड़या ना
मेरे वेड़े धुप्प ही धुप्प ,तेरे नेड़े छाँ कोई ना