सइयो नी , सइयो नी
आ दुक्खाँ दे लीड़े धो लइये
कुझ कह लइये , कुझ सुन लइये
तेरे वेहड़े धुप्प ही धुप्प
मेरे वेहड़े छाँ कोई ना
कट जायेगा रा नाल-नाल चल लइये
दिल दी हवाँडाँ कदे वण्डियाँ ना
अक्खाँ दे ज़रिये जो उतरन
आ रूहाँ दी कुण्डियां खोल लइये
सइयो नी , सइयो नी
आ दुक्खाँ दे लीड़े धो लइये
कुझ कह लइये , कुझ सुन लइये
आओ कभी फुर्सत में बैठें
यादों के ताने-बाने खोलें
दुखती रगों के तार ढीले कर लें
हौले से छू लें दिल को जो
उन ठण्डी हवाओं के सदके
थोड़ा-थोड़ा आराम मिले
कुछ ऐसे झूले में झूलें
सहरा में पानी होता कहाँ
इक दोस्त ही है जो मशक लिए
थोड़ा-थोड़ा पानी बख़्शे
राहों के हादसे तो धो लें
आओ कभी फुर्सत में बैठें
यादों के ताने-बाने खोलें
दुखती रगों के तार ढीले कर लें